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परिवार, दोस्ती, और प्यार

हमारा मानसिक स्वास्थ्य, हमारे रिश्तों से भी प्रभावित होता है। इसमें तमाम तरह के रिश्ते शामिल हैं, जैसे दोस्ती का रिश्ता, परिवार का सदस्य या कोई रोमांटिक साथी। वे जिस तरह से हमारे साथ बर्ताव करते हैं, उससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इतना ही नहीं, हमारे मानसिक स्वास्थ्य से हमारे रिश्ते भी प्रभावित होते हैं।

स्वस्थ रिश्ते की निशानियां:

  • आप क्वालिटी समय पर ज़ोर देते हैं, न कि इस बात पर कि आपने सामने वाले के साथ कितना समय बिताया
  • बातचीत का रास्ता दोनों तरफ़ से खुला होता है
  • आप किसी तरह की परेशानी या मनमुटाव होने पर उसे सुलझाने की पूरी कोशिश करते हैं
  • आप दोनों, एक दूसरे का सम्मान करते हैं
  • ज़रूरत पड़ने पर आप एक दूसरे को मानसिक और भावनात्मक तौर पर हिम्मत देते हैं
  • आप दोनों एक दूसरे को ध्यान से सुनते हों
  • आप एक दूसरे के साथ सहानुभूति, विश्वास और ईमानदारी से पेश आते हैं
  • आपकी राय भले ही अलग हो, आप सामने वाली की भावनाओं की क़द्र करेंगे
  • निजी वक़्त या पर्सनल स्पेस की क़द्र करें

अपनी सीमाएं पहचानें और उन्हें निर्धारित करें

सामाजिक प्राणी के तौर पर हम सभी को अपने आस-पास ऐसे रिश्तों की ज़रूरत होती है जिनके साथ के बल पर हमें आगे बढ़ने और उन्नति करने में मदद मिले। हालांकि, रिश्तों के साथ हमें इस बात का ध्यान रखने की भी ज़रूरत है कि उनका हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़े, जिससे हमें फ़ायदा हो। इसके लिए ज़रूरी है कि हम दूसरों के लिए कुछ सीमाएं भी तय करें, ताकि रिश्तों की नकारात्मकता हमारे ऊपर हावी न हो।

दूसरे आपसे किस तरह पेश आएं, आपका निजी दायरा क्या हो, दूसरों को आपसे क्या अपेक्षाएं रखनी चाहिए इन सभी बातों को सीमाओं के तहत माना जा सकता है। यह सीमाएं आपके वक़्त, निजी दायरे, और कम्पफ़र्ट को बचाए रखती हैं। यहां कुछ तरीके दिए हैं जिनसे आप सीमाएं निर्धारित कर सकते हैं:

इस बात का ख़्याल रखें कि सीमाओं और दायरों का पालन करना, दो तरफ़ा प्रक्रिया है। अगर आप किसी से सीमाओं में रहने की उम्मीद करना चाहते हैं, तो आपको भी अपनी सीमाओं में रहना और दूसरों के तय किए गए दायरे का सम्मान करना चाहिए। जब इन सीमाओं को तोड़ा जाता है या उन्हें अनदेखा किया जाता है, तो रिश्तों में खटास आ सकती है या शोषण की गुंजाइश बढ़ती है।

शोषण और दुर्व्यवहार

दुर्व्यवहार उस स्थिति को कहते हैं, जब कोई व्यक्ति बार-बार किसी अन्य व्यक्ति की सीमाओं को लांघता है और उन सीमाओं का सम्मान करने से इंकार कर देता है। इससे ऐसी स्थिति बनती है जहां सीमाओं को लांघने वाला व्यक्ति उस रिश्ते से अनुचित रूप से फ़ायदे लेने लगता है, जबकि दूसरे व्यक्ति को उस रिश्ते से कुछ नहीं मिलता। ऐसे रिश्ते में दो लोगों के बीच में सम्मान की मात्रा भी असंतुलित होती है और एक व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति पर अपना नियंत्रण स्थापित कर रहा होता है।

शारीरिक शोषण: इसमें वो तमाम चीज़ें शामिल होती हैं जिसे कोई व्यक्ति आपको शारीरिक नुक़सान, दर्द और पीड़ा देने के इरादे से इस्तेमाल करता है। इसमें पिटाई, मुक्का मारना, लात मारना, जलाना, बंदी बनाना, बाल खींचना, और यहां तक कि यौन शोषण भी शामिल है।

भावनात्मक शोषण: यह ऐसी स्थिति है, जब कोई व्यक्ति रणनीति का उपयोग करके आपको भावनात्मक रूप से चोट पहुंचाने या आपके भावुक मिज़ाज का फ़ायदा उठाने की कोशिश करे। इसमें नीचा दिखाने, अपमानित करने, धमकी देने, ब्लैकमेल करने, चिल्लाने जैसी बातें शामिल हैं। इसके अलावा, दूसरों के साथ आपके मेलजोल और सामाजिक गतिविधियों पर लगाम लगाना या भावनात्मक रूप से आपका समर्थन न करना भी भावनात्मक शोषण के दायरे में शामिल है।

वित्तीय शोषण: जब कोई आपके पैसों से जुड़े मामलों पर कंट्रोल करके आप पर नियंत्रण करता है और आपके धन तक सीधी पहुंच बनाना चाहे, तो इस स्थिति को वित्तीय शोषण माना जाता है। इसके तहत वे इस बात की निगरानी करना चाहते हैं कि आप अपने वित्त का उपयोग कैसे करते हैं। इस तरह की स्थिति में आपके लिए उस रिश्ते से बाहर आना बहुत मुश्किल हो सकता है।

रिश्तों में अपमान और कड़वाहट का बढ़ना, आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। अगर आप किसी भी तरह के दुर्व्यवहार का सामना कर रहे हैं और किसी से बात करने की ज़रूरत महसूस करते हैं, “मन टॉक्स” से कॉल या ईमेल द्वारा संपर्क करें, ताकि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हमारी प्रशिक्षित टीम आपसे बात करके आपकी कुछ मदद कर पाए।