फ़ाइट ऑर फ़्लाइट रेस्पॉन्स (डटकर मुक़ाबला करना या पीछे हटना)
एंग्ज़ाइटी महसूस करना हमारे शरीर के लिए काफ़ी आम बात है, हम सब कभी न कभी अपने जीवन में इसे महसूस करते हैं। यह मानसिक तनाव के लिए, खुद को तैयार करने का, हमारे शरीर और मस्तिष्क का एक तरीक़ा (मैकेनिज़्म) है।
किसी तरह के डर का एहसास होने पर हमारा मस्तिष्क, फ़ाइट ऑर फ़्लाइट रेस्पॉन्स की प्रक्रिया को अपनाता है। इसमें आपका मस्तिष्क या तो वहां से भागने और छिपने का चुनाव करता है या फिर लड़ने का। कुछ मामलों में आप पूरी तरह से सुन्न हो जाते हैं। इसकी मदद से हम शारीरिक या मानसिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया दे पाते हैं, जिससे हमें उस वक़्त कोई फ़ैसला लेने में आसानी होती है।
मानव विकास के इतिहास की शुरुआत से ही मनुष्यों का सामना हर तरह के ख़तरे से होता रहा। उदाहरण के लिए,शिकार करने या भोजन की तलाश के दौरान शेर से सामना।
इसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं| यह हारमोन हमारे शरीर में अलग-अलग रिएक्शन करने लगता है जिससे शरीर अलग बर्ताव करता है।
देखने की ताक़त
आँख की पुतलियों का फैलाव और पेरीफ़ेरल विज़न में कमीज़्यादा साफ़ नज़र आना, फ़ोकस और एकाग्रता बढ़ना
दिल और फेफड़े
दिल और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ जाना, दिल की धड़कने तेज़ होना और गहरी साँसें न लेकर कम और आधी साँसें लेनाझटपट फ़ैसलों के लिए मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की पहुंच बढ़ जाती है
पेशीतंत्र (मस्क्युलर सिस्टम)
मसल टेंशन में बढ़ोतरी से मांसपेशियों में ताक़त का एहसास और ख़ून का रुख़ मांसपेशियों की तरफ़ होनाहमारी शारीरिक सरगर्मी बढ़ती है, इससे मांसपेशियों को ऑक्सीजन और बाक़ी खनिज मिलते हैं
पाचन तंत्र
पाचन तंत्र धीमा होना, मूत्राशय और स्फ़िंक्टर मसल को आरामख़ून का बहाव शरीर के दूसरे हिस्सों में चला जाता है, भूख नहीं लगती और पेशाब रुक जाता है
परिसंचरण तंत्र (सर्कुलेटरी सिस्टम)
ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, फ़ैट का बढ़ना और ख़ून का ज़्यादा जमनाइससे शरीर को कुछ और ताक़त मिलती है और किसी तरह की चोट लगने पर ज़्यादा ख़ून नहीं बहता