तनाव के दौरान अपने करीबियों की मदद करना
अपने अलग-अलग करीबी लोगों की मदद हम अलग-अलग तरीकों तथा क्षमताओं से कर सकते हैं। हालांकि यह तरीके व्यक्तियों पर निर्भर करते हैं, परंतु नीचे कुछ ऐसे तरीके दिए गए हैं जिनसे हम उन सभी की मदद कर सकते हैं।
एक दोस्त की मदद करना
अपने पार्टनर की मदद करना
माता-पिता की मदद करना
एक ऑनलाइन दोस्त की मदद करना
एक सहकर्मी की मदद करना
एक दोस्त की मदद करना
किसी भी दूसरे संबंध से इतर दोस्ती की अनौपचारिक प्रकृति किसी दोस्त को भावनात्मक रूप से मदद करने के लिए बहुत ज्यादा अवसर प्रदान करती है। किसी दोस्त को तनाव से उबरने के लिए निम्न चरणों पर कार्य किया जा सकता है:
- उनकी ज़रूरतों की कल्पना करने के बजाय उनकी ज़रूरतों के बारे में पूछें कि वे कैसी मदद , क्योंकि वे अपनी ज़रूरतों को ज्यादा ठीक से पहचान सकते हैं।
- एक गैर आलोचनात्मक श्रोता बनें जिससे वे अपनी चिंताएँ जाहिर कर सकें और आपके साथ का एहसास कर सकें।
- उनकी तकलीफों पर सलाह या हल न देते हुए उनकी यात्रा तथा चुनावों का सम्मान करें। (जब सुरक्षा पर खतरा हो, तब नहीं)
- उनके मामलों को रद्द न करते हुए, उनके तनाव को कम करने की कोशिश करें क्योंकि हो सकता है कि वे उनकी वास्तविकता के बारे में शंकित हों।
- उन्हें पीने का पानी या कुछ खाने को देकर तथा https://www.manntalks.org/hi/anxiety-2/panic-attacks/ पेज पर दी गई कुछ कसरतें करवा कर उनका तनाव कम करने की कोशिश करें।
- संकट के समय उनके विश्वासपात्र लोगों (उदा. के लिए परिवार या दूसरे दोस्त) और/या किसी प्रोफेशनल से मदद लेना।
अपने पार्टनर की मदद करना
हमारे पार्टनर के साथ हमारे संबंध हमारी कई ज़रूरतों को पूरा करते हैं और इसलिए उन संबंधों का हमारे तथा हमारे पार्टनर के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इस संबंध को स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक दूसरे के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य संबंधित तकलीफों से बाहर निकलने के लिए पार्टनर की निम्न तरीकों से मदद कर सकते हैं:
- उन पर निगरानी रखना कि कहीं उनके व्यवहार सामान्य से अलग तो नहीं है, जैसे बहुत चुप हो जाना या विचारों में खोए रहना उनके मूड तथा व्यवहार में बदलाव आदि।
- उन्हें सही बातचीत के लिए प्रेरित करके खुले सवाल पूछ कर और उन्हें समझने के लिए उन्हें सुनकर उनपर पूरा ध्यान देना।
- उनके साथ उनके बारे में बातचीत का अलग समय निकालकर उनके एहसासों को लगातार जानते रहना।
- उनके एहसासों को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करने से संबंधों को मज़बूत बनाने में सहायता मिलती है।
- छोटी-छोटी बातों से, जैसे उनके कामों में मदद करके उन्हें सहारा देना।
- वह जो भी सामने लाए उसके लिए उनकी तारीफ करना चाहे लाई गई चीज़ें पहले से कम हों।
- उनके सहकर्मियों, परिवार, दोस्तों के सामने उनके लिए सकारात्मक बातें बोलकर या सार्वजनिक रूप से उनकी तारीफ करके अपना साथ सार्वजनिक रूप से जताना।
- उनके साथ सकारात्मक समय की यादें बनाना जैसे कि संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए उनके साथ समय बिताना।
- संकट के समय में उनके साथ रहना, उनका तनाव कम करने के लिए सक्रियता से मदद करना।
- यदि दूर रह रहे हों तो तथा अपना साथ जताने के लिए उचित व्यवस्था बनाना।
- दूर रहने पर संकट के समय उन्हें किसी निकटवर्ती संबल तक पहुंचने के लिए प्रेरित करना, या ऐसे लोगों से स्वयं बातचीत करना या उन्हें किसी प्रोफेशनल से मदद पहुँचाना।
माता-पिता की मदद करना
हमारे माता-पिता को तनाव में देखना परेशान करने वाला या तनावपूर्ण हो सकता है। हालांकि ऐसी परिस्थिति में हमारी मदद करने के लिए कई रास्ते होते हैं उनमें से कुछ निम्न हैं:
- बिना किसी सलाह या आलोचना के उनकी चिंताओं को सुनकर तथा उनके बारे में बात करके मामले को सौम्यता से बाहर लाना।
- माता-पिता के व्यवहार के लिए स्वयं को जिम्मेदार न मानते हुए उनके व्यवहार को उनकी वर्तमान परिस्थिति का फल मानना।
- उनके तनाव के प्रति संवेदनशील रहना फिर चाहे आप उनके नज़रिए को पूरी तरह समझने में असमर्थ हों तथा उनकी मदद के लिए बेहतर रास्ते ढूँढना।
- स्वयं की परिस्थितियों को महत्व दिए बिना स्वयं के अनुभवों तथा एहसासों के बारे में बात करना जिससे की संबद्धता तथा सुरक्षित जगह के एहसास को बनाया जा सके।
- प्रोफेशनल मदद लेने को प्रेरित करने के लिए संबंधित डाटा/किस्से/लेख साझा करना जिससे कि मानसिक स्वास्थ्य को सामान्य दर्जा देकर उसे आगे बढ़ाया जा सके।
- संभावित रुकावट /लक्षण को पहचानना जो माता-पिता को प्रोफेशनल मदद लेने से रोक रहे हैं।
- उनकी रोज़मर्रा के कामों के लिए मदद आदि की व्यवस्था करके उन्हें अतिरिक्त संबल प्रदान करना।
किसी ऑनलाइन दोस्त की मदद करना
हमारे ऑनलाइन दोस्त हमारे लिए संबल का अच्छा स्त्रोत होते हैं। क्योंकि इन संबंधों की प्रकृति आभासी(वर्चुअल) होती है, तो इन्हें मदद करने के तरीके रूबरू होने वाली दोस्ती से अलग होते हैं। किसी ऑनलाइन फ्रेंड को मदद करने के लिए निम्न तरीके हो सकते हैं:
- “कुछ अलग” को पहचानना जैसे कि उनकी बातचीत के तरीकों या लहजे में बदलाव या सामान्य तौर पर की जाने वाली गतिविधियों में बदलाव।
- उनसे नियमित अंतराल पर सुरक्षित, गैर – आलोचनात्मक माहौल बनाकर बातें करते रहना ताकि उन्हें अपनी परेशानियों को पहचानने तथा बाहर निकलने में मदद मिले।
- उनकी सुविधा के प्रति सतर्क रहते हुए उन्हें बातों, शौक, खेलों, सिनेमा, मीम्स, जीआईएफ आदि शेयर करके उनका ध्यान बँटाने की कोशिश करना।
- दोस्तों से बातचीत के बाद आपसी मित्रों या ऑनलाइन कम्युनिटियों तक पहुँच कर उन तक मदद पहुँचाने की कोशिश करना।
- आपातकालीन सेवाओं को फोन करके (यदि जगह का पता हो) या किसी विश्वासपात्र को शामिल करके संकट की परिस्थिति को संभालना।
- एक ऑनलाइन दोस्त को मदद करने के स्वयं के दायरों को समझना और उन्हें संबंधित स्रोतों की तरफ मोड़ना।
एक सहकर्मी की मदद
कामकाज की जगह पर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित बातचीत करना कठिन लग सकता है परंतु स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य का वातावरण निर्मित करना एवं उसे सहकर्मियों तक पहुँचाना ज़रूरी है, क्योंकि काम पर बिताया जाने वाला समय और हमारी उत्पादकता हमारे मानसिक स्वास्थ्य से करीब से जुड़ी होती है। इसे बनाए रखने के तरीके-
- उनसे घनिष्ठता बढ़ाएं और निगरानी रखें कि उनके व्यवहार आदि में कोई बदलाव तो नहीं जैसे पीछे हटना, कम उत्पादकता, मानसिक थकावट, उत्साह में कमी आदि।
- स्वयं के पूर्वाग्रहों के प्रति सतर्क रहते हुए और कोई अनावश्यक सलाह न देते हुए उनके संघर्ष को समझने के लिए उन्हें सुनना।
- साथ में काम से ब्रेक लेकर और उन्हें पसंद हो सकने वाली गतिविधियों में उनके साथ भाग लेकर उन्हें उनके संघर्ष से इतर की चीजों में मशगूल करना।
- उनके कार्यभार/जिम्मेदारियों को बांटना तथा उनकी समय सीमाओं में कुछ समय तक छूट देना, यदि हम इन संबंधित चीजों को प्रबंधित कर सकने वाले स्थान पर हों तो।
- पक्षपाती व्यवहारों को हतोत्साहित करके उन्हें संबल देना तथा मानसिक स्वास्थ्य संबंधित किसी भी गलत धारणा को खुली बातचीत से तोड़ना।
- भरोसेमंद स्रोतों से जानकारी प्राप्त करके मानसिक स्वास्थ्य के मामले में जागरूक रहना।
- उनके सलाहकार बनने के स्थान पर उन्हें प्रोफेशनल मदद तथा सलाह की तरफ मोड़ना।