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मानसिक स्वास्थ्य – परिचय

मानसिक स्वास्थ्य, हमारे मन की स्थिति और सोच को दर्शाता है। इसमें हमारी भावनाएं और ख़्याल (विचार), दोनों शामिल होते हैं, जिनका असर हमारे व्यवहार पर भी पड़ता है।

हमारे मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति कैसी है यह कुछ बातों पर निर्भर करता है। मानसिक स्वास्थ्य, किसी व्यक्ति की सेहत से जुड़ी एक ऐसी अवस्था है जहाँ वह:

  • स्वस्थ विचार और भावनाएं महसूस कर पाए
  • रोज़मर्रा के काम आसानी से करे
  • बढ़िया तरीक़े से काम कर सके
  • लोगों से मिलना-जुलना जारी रखे
  • ज़िंदगी के तनाव का आसानी से सामना करे
  • समाज में अपना योगदान दे

मानसिक स्वास्थ्य एक स्पेक्ट्रम या विस्तार पर आधारित है| इस स्पेक्ट्रम की मदद से हमें पता चलता है कि मानसिक स्वास्थ्य गतिशील है और हमारे आस-पास होने वाली घटनाओं का इस पर असर पड़ता है|

उदाहरण के लिए, अगर आपको लगता है कि आपका एग्ज़ाम काफ़ी ख़राब गया है, तो हो सकता है कि आप ऊपर बताए गए चार्ट के स्केल के हिसाब से, दाईं तरफ़ नज़र आने वाला भावनात्मक तनाव महसूस करें| वहीं, नतीजे आने के बाद जब आपको यह लगता है कि आपने काफ़ी हद तक अच्छा परफ़ॉर्म किया है, तो आप बेहतर महसूस करते हैं और इस स्केल के हिसाब से बाईं ओर बढ़ते हैं|

मानसिक तौर पर तंदुरुस्त होना और भावनात्मक तनाव, एक ही स्पेक्ट्रम के दो सिरे हैं| हम इस स्पेक्ट्रम के किस सिरे की तरफ़ खड़े होंगे, यह इस पर निर्भर करता है कि उस दिन की घटनाएं हमारे विचारों और व्यवहार को कितना प्रभावित करती हैं|

भारत, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े गंभीर संकट का सामना कर रहा है| यहाँ 7 करोड से ज़्यादा लोग दुःख और चिंता से पीड़ित हैं|

बड़े पैमाने पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का मज़ाक़ बनाया जाता है और लोग इन परेशानियों को शर्म के तौर पर देखते हैं| साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल की व्यवस्था और सार्वजनिक संसाधन में भी कमी से, हाशिए पर पड़े लोग सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं| मानसिक स्वास्थ्य सेवा तक लोगों की पहुँच ना के बराबर है| इतना ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य की ज़रूरत वाले नागरिकों की संख्या और सेवा देने वाले पेशेवरों की संख्या में भी काफ़ी अंतर है|

इसके अलावा, COVID-19 महामारी के दौरान, देश में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना, पहले से कई ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया है|

हम सब कभी ना कभी भावनात्मक तनाव का अनुभव करते हैं और यह काफ़ी स्वाभाविक है| अगर आपको लगता है कि आप भावनात्मक तनाव से गुज़र रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं| तनाव की स्थिति में ‘मन टॉक्स’ के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें और इसे कम करने में मदद पाएं|

आपके मानसिक स्वास्थ्य का आकलन आपसे बेहतर कोई नहीं कर सकता| अगर आप किसी बात को लेकर पूरी तरह आश्वषित महसूस ना कर पाएं तो ख़ुद से यह सवाल करें| :

  • क्या हम अपने तनाव का सामना कर पा रहे हैं?
  • क्या हम अपने रोज़मर्रा के कामों को कर पा रहे हैं?
  • क्या दूसरों से मिलने और बातचीत करने में हमें परेशानी हो रही हैं?
  • हम हाल ही में मानसिक स्वास्थ्य के स्पेक्ट्रम पर किस तरफ़ हैं?

इन सवालों के जवाब से आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या आप किसी तरह के तनाव का सामना कर रहे हैं या नहीं|

हमारे आस-पास की चीज़ों का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है| साथ ही, कुछ मामलों में हमारे मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट आना भी स्वाभाविक है| इसमें किसी तरह का दुःख या दर्दनाक घटना का असर भी हो सकता है| अगर आप में भावनात्मक तनाव दो हफ़्ते से ज़्यादा समय तक जारी रहता है, तो आप मदद ले सकते हैं|