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अपनों की देखभाल

नज़रों से दूर होने पर अपनों के क़रीब कैसे रहें

  • उन्हें अचानक से वीडियो कॉल करें या कॉल शेड्यूल करें
  • खाना किसी के मिज़ाज और मूड को बदल सकता है। ऐसे में, आप भी अपने क़रीबियों के घर पर खाना भेजकर देख सकते हैं।
  • आप चाहें, तो साथ में (वर्चुअल अंदाज़ में) फ़िल्म देखने/ म्यूज़िक नाइट की योजना बना सकते हैं।
  • वे कैसा महसूस कर रहे हैं, यह जानने के लिए आप समय-समय पर उनसे वीडियो के ज़रिए बात कर सकते हैं या नॉर्मल मैसेज कर सकते हैं।
  • छोटी-छोटी बातें बड़ा असर करती हैं। आपका यह कहना कि “मैं आपके साथ हूँ, आपके लिए ही हूँ, और आपकी बात सुन रहा/रही हूँ”, कई दफ़ा गहरा असर कर सकता है।
  • छोटे लक्ष्यों को बनाने और उन्हें हासिल करने पर ख़ुद को प्रोत्साहित करना सिखाएं।
  • महामारी के इस दौर में अगर आप यह महसूस करें कि इसका असर आपके किसी क़रीबी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, तो उन्हें किसी पेशेवर की मदद लेने की सलाह और हौसला दें।
  • अपनी निजी ज़िन्दगी से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करें और वीडियो या वर्चुअल तरीक़े से एक दूसरे के साथ मज़बूती के साथ खड़े हों।

भावनात्मक मदद मांगने पर संवाद कैसे क़ायम करें

  • कुछ समझने के लिए, उन्हें ध्यान से सुनना शुरू करें।
  • उन लोगों से यह ज़रूर पूछें कि उन्हें आपसे किस तरह की मदद चाहिए (जैसे- उन्हें दिल खोलकर अपनी भड़ास निकालने दें, तब जाकर उन्हें कुछ सुझाव दें)।
  • निजी राय को दरकिनार करके, सिर्फ़ उनके नज़रिए से चीज़ों को समझने की कोशिश करें।
  • उनकी भावनाओं और अनुभव को समझने के लिए, ज़्यादा से ज़्यादा ओपन एंडेड सवाल पूछें।
  • उन्हें इसका एहसास होने दें कि आप उनकी स्थिति को समझते हैं।
  • कोई मशवरा देने से पहले, उन्हें इस बात की तसल्ली कराएं कि आप उनकी भावनाओं को समझ रहे हैं
  • दूसरों की परेशानियों की मिसाल देकर, उनकी परेशानी और तकलीफ़ को कम न आंकें।
  • इसे ख़ुद से जोड़कर न देखें और न ही अपनी निजी ज़िन्दगी के उदाहरणों से इसे पेश करें।