बर्नआउट से निपटना
बर्नआउट (काम के तनाव से तंग आ जाना) और उससे निपटने के टिप्स
बर्नआउट, एक ऐसी स्थिति है जिसमें लम्बे समय से चले आ रहे तनाव का असर आपके विचारों, भावनाओं, और व्यवहार पर नकरात्मकता के तौर पर पड़ने लगता है। इससे, व्यक्ति में नकारात्मक विचार हावी होने लगते हैं। लगातार रहने वाली उदासी से व्यक्ति पूरी तरह थका हुआ और ख़ाली महसूस करने लगता है।
अक्सर बर्नआउट को सिर्फ़ काम से जुड़े तनाव से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, इसकी दूसरी बाहरी वजहें भी हो सकती हैं। जैसे-आपकी निजी ज़िन्दगी से जुड़ा तनाव। मसलन, एकेडमिक्स, पेरेंटिंग (परवरिश), केयर गिविंग, रिश्ते वग़ैरह। बर्नआउट के दौरान आपमें ग़ुस्सा और शक पनपने लगता है, लगातार आलस और उदासी मसहूस होती है। चिड़चिड़ापन, सुस्ती या काम छोड़ने की इच्छा बढ़ने लगती है। ये रहे उससे निपटने के कुछ टिप्स:-
- नए टास्क और ज़िम्मेदारी लेने से बचें
- मौजूदा ज़िम्मेदारियाँ पहचानें और उन्हें प्राथमिकता दें। हो सके, तो इन ज़िम्मेदारियों को कम करने की सोचें
- दूसरों से मदद लेने से गुरेज़ न करें। अपनी मौजूदा ज़िम्मेदारियों को बाहरी लोगों से भी शेयर करें
- अपने काम को ब्रेक करें और उन्हें सब-टास्क में बांट लें। कोशिश करें कि एक के बाद एक सब्टास्क जीते जाएं और पूरे किए जाएं। छोटे-छोटे गोल सेट करें
- मल्टीटास्किंग करने से बचें
- ज़िम्मेदारियों के पीछे शामिल मोटीवेटर्स (प्रेरणा देने वाले लोग) से जुड़ी यादें याद करें
- आस-पास के क़रीबियों, समुदाय, और दोस्तों से भावनात्मक मदद लें
- काम के बीच में ब्रेक लेना तय करें। भरपूर आराम भी करें
- सेल्फ़ केयर पर ज़ोर दें और इसे आज़माएँ। इसमें नए शौक एक्सप्लोर करना, हर दिन का रूटीन बनाना, योग, व्यायाम जैसी चीज़ें करने के साथ-साथ ख़ुद के साथ नरमी बरतना वग़ैरह शामिल है
- काम और निजी ज़िन्दगी के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें। आप अपनी ज़िन्दगी के विभिन्न पहलुओं को कितना समय देना चाहते हैं, इसके लिए लक्ष्य निर्धारित करें